रविवार, 3 जून 2012

गांधी, संघ परीवार और धर्मांतर

भयानक अत्याचारों के शिकार दलित ख्रिस्ती.


"ख्रिस्ती धर्म की तरफ श्री गांधी का विरोध अत्यंत प्रसिध्द है, ...... गांधी कहते है, "मैं ऐसा मानता हूँ कि हरिजनों का विशाल समूह और उसी तरह भारतीय मानव ख्रिस्ती धर्म के प्रस्तुतीकरण को समझ नहीं सकते।... वे (हरिजन) दो चीजों के गुणदोष की तुलना नहीं कर सकते, जितनी गाय कर सकती है। हरिजनो के पास दिमाग नहीं है, बुद्धि नहीं है, ईश्वर और अनिश्वर के बीच फर्क समझने की शक्ति नहीं है"।
- डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर

मैंने जब बाबासाहब का यह उद्धरण गुजरात के ख्रिस्ती दोस्तों को बताया, तब उनको ताज्जुब हुआ था कि गांधी ऐसा कैसे कह सकते है. वाकई में गांधी ने ऐसा कहा है. और समजने की बात यह है कि गांधी पक्के हिन्दु थे, धर्मांतर के कटु आलोचक थे. उन्हे मालुम था कि कांग्रेस की 'हरीजन' वोटबेन्क हिन्दु धर्म छोड देगी तो इस देश में कांग्रेस का सत्यानाश निकल जाएगा. गांधी को धर्मांतर के प्रति इतनी एलर्जी थी कि वे "हरिजनों के पास दिमाग नहीं है, बुद्धि नहीं है, ईश्वर और अनिश्वर के बीच फर्क समझने की शक्ति नहीं है," ऐसा आत्यंतिक विधान करते हैं. आप मेरी बात से सहमत नहीं है, तो आप बेवकूफ है, यही गांधी का तर्क था. गांधी फासीस्ट थे.

बीजेपी और आरएसएस इस अर्थ में गांधीवादी है. गोडसे ने गांधी को मार दिया और उनको शहीद बना दिया. मैंने कई मुसलमानों को इसका मातम मनाते हुए देखा है. वे लोग इसी बात को ले कर गांधी और आरएसएस में फर्क करते हैं. उन्हे समज लेना चाहिए कि स्टेन्स को जिंदा जलानेवाले इसी गांधीवादी मानसिकता से ग्रस्त थे, फर्क इतना था कि वे हिंसक थे. 

जयललिता और नरेन्द्र मोदी के धर्मातंर विरोधी कानून का वैचारीक स्रोत भी यही गांधीवाद है. गुजरात में नरेन्द्र मोदी से बडा कोई गांधीवादी नहीं है. बहुत कम लोगों को इस बात का पता है कि गुजरात में मोदी के पहले कांग्रेस ने धर्मांतर विरोधी विधेयक तैयार किया था, जो संयोगवशात कानून नहीं बन सका था. मैंने ख्रिस्ती मिशनरियों की संस्थाओं में गांधी के फोटो देखें है, अंबेडकर के नहीं, ख्रिस्ती मिशनरी जितना जल्दी हो सके बाबासाहब की विचारधारा समज ले, इसी में उनका और वे जिन के लिए काम कर रहे है उनका कल्याण है.



1 टिप्पणी:

  1. salaam!
    dear raju, it brings in a new insight into history of politics in gujarat. i will be happy if you can give me ambedkar's quote about gandi you have mentioned.
    i appreciate your critical thinking and analysis of the historical and present time dynamics of gujarat.
    jimmy c. dabhi

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